रविवार, जनवरी 08, 2023

इतिहास गवाह है, हर सच्चे संत की निंदा हुई है



कबीरा निंदक ना मिलो
 पापी मिलो हजार
 एक निंदक के माथे पर 
लाख पापीन को भार
 भगवान वशिष्ठ जी कहते है राम जी मैं बाजार से गुजरता हूं तो मूर्ख लोग मेरे लिए क्या-क्या निंदा करते लेकिन हमारा दयालु स्वभाव हैं माफ कर देते हैं
 संत का एक भी सद्गुणों हो तो स्वीकार करके अपना कल्याण करना चाहिए।
 निंदको की बातों में आकर अपने को नर्को में नहीं ले जाना चाहिए । 
जिसस की निंदा ने जोर पकड़ा  और मैगेडलीन के साथ जिसस संबंध है और फिर जीसस को कीले ठोक ठोक कर मार दिया गया फिर भी जीसस को मानने वाले तो मानेंगे, ऐसे ही बुद्ध की निंदा में वेश्या को लगाया और कई लोगों के सामने बोले कि मेरा बुद्ध के साथ आड़ा संबंध है  तो क्या खानदानी स्त्री का काम है  खानदानी बोलेगी कि मेरा इनके साथ शारीरिक संबंध है बुद्ध के साथ मेरा संबंध है मैं रोज जाती हूं मैंने वैश्या का धंधा बंद कर दिया क्योंकि बुद्ध मिल गए उन्ही को खुश रखती हुं
ऐसा कूप्रचार चला बुद्ध के लिए के  बुद्ध ऐसा करते हैं वैसा करते हैं,अरे मूर्ख, अपनी यशोधरा सुंदरी और सेविका जैसी पत्नी का त्याग करके वो बुद्धत्व के लिए गए हैं और ऐसे महापुरुष पर लांछन लगाने की थोड़ी तो अक्कल रखो।
बुद्ध का विवाह हुआ था यशोधरा नाम की राजकन्या के साथ और उससे तो वह संयम में रहे और यह  बजारु बकवास करने वाली हलकट,  मेरी इन्होंने इज्जत लूटी मेरे को इन्होंने फंसाया आया,मेरे से इन्होंने संभोग करवाया या करने की कोशिश की,ऐसा जो बोलती है वो कितनी नीच आत्मा होगी  तो ऐसी उच्च आत्मा    यशोधरा से वो संयमी रहे और इस नीच आत्मा के पीछे  बुद्ध पड़े हैं 
अटला बधा निंदको के छे के बुद्ध बेनो साथेनो खोटो संबध छे,खोटो परिचय छे ने अमा पाछे ये निकली ए ने बजारू धंधो करती थी मैने तो जाहिर कर दिया, मु तो बुद्ध नी छु।
 मैं तो बुद्ध की हुं,और जेतवन में जाती हूं इसीलिए बाजार में नहीं रहती हूं, और जेतवन में आम के बगीचे में बुद्ध का ऐसा निवास है ऐसा है शांति है आनंद है कोई हमको देखता नहीं, क्या-क्या आरोप लगाए बुद्ध के ऊपर, फिर बोले जांच कमीशन बिठाओ,तो निंदकों को मौका मिल गया कि अच्छा है बुद्ध की जांच हो, बुद्ध की जांच कमीशन जांच करते करते बुद्ध की जांच करेगी उसके  दो दिन पहले उन्होंने वेश्या को दारू वारु पिलाकर बुद्ध के बगीचे में रात्रि को कुकर्म करा के कहीं और बुद्ध के बगीचे में मरी हुई वहां गाड़ दिया, कुकर्म तो उनके नींदको के लोगों ने किया ,बुद्ध ने नहीं किया और बुद्ध के बगीचे में रातों-रात गाढ दिया और राज्य सत्ता के द्वारा बुद्ध के बगीचे में जांच कमीशन आ गया,उसमें कमीशन में एक आध आदमी इनका भी था जहां गड़ी थी वो वेश्या वह जगह भी दिखा दी और मिट्टी हटाई गई तो वैश्या की लाश मिली 3 दिन पहले की , अब तो फिट हो गए बुद्ध, कितना पक्का केस बन गया, बलात्कार का भी बन गया और 302 भी बन गया तो बुद्ध के जो पक्के पक्के भगत थे वह भी कितने बिखरे होंगे लेकिन उनको उस समय अक्ल कौन दे ,कुप्रचार की आंधी चलती है न तो फिर सूखे पान ही जमीन पर गिरते नहीं हरे भरे गिर जाते है

 ऐसे ही निंदक तो जाकर पतित होते ही है लेकिन अच्छे-अच्छे साधक भी गिर पडे, बुद्ध का कुप्रचार हुआ तो अच्छे-अच्छे साधक, अच्छे-अच्छे भक्त भी, अब शिष्यों के हृदय भी धड़कने लगे कि ये अब हद हो गई कुछ कच्चे भी थे वे कुप्रचार के शिकार बनकर आना जाना कम हो गया लेकिन पक्के लोग तो पक्के रहे हमें थाम सके यह जमाने में दम नहीं लेकिन किसी निर्दोष आदमी पर जब वो ठान लेते हैं निंदक लोग तो कुछ ना कुछ माल मसाला और कहानियां ऐसी ऐसी बनाकर रख देते हैं तो लोगों को लगेगा कि यह तो बात सच्ची है।
कैसे कैसे इल्जाम लग जाते, और जब जब महापुरुषों पे और भक्त और भक्तानी पर इल्जाम लगते हैं तो इसी प्रकार के लगते हैं ताकि समाज उनसे टूटे, मीरा से लोग  टूटे,विक्रम राणा का मन चाहा हो लेकिन मीरा से लोग थोड़े टुटे होंगे लल्लू पंजू टूटे होंगे और पक्के और पक्के हुए होंगे, कबीर से लोग टूटे ऐसा वेश्याओं को भेजा जाता था  लेकिन उस समय टूटे फिर अभी कितने जुड़ गए, शंकराचार्य के पास आद्य गुरु शंकराचार्य,कपाली और ये वो टूटे लेकिन फिर कितने जुड़ गए, ऐसा कोई धरती पर महापुरुष शायद हो जिनका उस समय लोगों की श्रद्धा तोड़ने के लिए उन पर लांछन ना लगे हो,उनकी निंदा ना हुई हो, उनकी अफवाहे ना हुई हो   मुझे नहीं लगता, धरती पर कोई महापुरुष हुआ हो और फिर उनका यश कीर्ति और उनका आत्मधन में आंधी तूफान चलाने वालों ने अपना साजिश न किया हो,इतिहास देख लो ।
बुद्ध,कबीर,नानक, महावीर ये जो भी संत महावीर के कानों में तो किले ठोकने वाले अभागे लोग, फिर भी महावीर को जैनी लोग अच्छी तरीके से मानते हैं पूजते। कृष्ण के लिए भी तो कितने कितने  बवाल चलें और राम जी के लिए तो दुनिया जानती है कि सीता जी का त्याग करना पड़ा था, रामजी को नही छोड़ते,कृष्ण जी को नही छोड़ते तो तुम्हारी हमारी तो बात ही क्या है
 तो क्या डर जाओगे, आध्यात्मिकता छोड़ दोगे,
अपनी संस्कृति छोड़ दोगे, संभव ही नहीं है ओम ओम।

उस समय चाहे कुछ अफवाह हुआ और बुद्ध पकड़े गए, जेल में है जो कुछ बकने वालों ने बका, करने वालों ने किया, लेकिन आज आपसे मैं पूछता हुं कि बुद्ध की बदनामी का जिन्होंने षड्यंत्र रचा वह कौन से नरक में है आप बता सकते हो क्या,नहीं बता सकते हो, कौन सी नीच योनियों में भटक रहे हैं कुत्तों की नई भौंक रहे हैं पता हैं नहीं,कीड़े मकोड़े हो कर रेंग रहे है  आप बता सकते है क्या नहीं, लेकिन बुद्ध तो लाखो लाखो लोगों की आस्था का केंद्र अभी भी मौजूद है आप बता सकते हो,ये सच्ची बात हैं।

https://youtu.be/834JQm-X3MM

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