रविवार, दिसंबर 04, 2022

अमृतबिंदु – पूज्य बापूजी


         जो वर्तमान में ही इच्छाओं-वासनाओं को छोड़ देते हैं, उनके हृदय में उसी समय परमात्म-प्रेम, परमात्म-रस छलकने लगता है ।
ऋषि प्रसाद नवंबर 2018

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