शनिवार, जनवरी 28, 2012

हे प्रभु ! आनन्ददाता


हे प्रभु ! आनन्ददाता ज्ञान हमको दीजिये।
शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिये।।
लीजिए हमको शरण में हम सदाचारी बनें।
ब्रह्मचारी धर्मरक्षक वीर व्रतधारी बनें।।
हे प्रभु….
निंदा किसी की हम किसी से भूलकर भी ना करें।
ईर्ष्या कभी भी हम किसी से भूलकर भी ना करें।।
हे प्रभु….
सत्य बोलें झूठ त्यागें मेल आपस में करें।
दिव्य जीवन हो हमारा यश तेरा गाया करें।।
हे प्रभु….
जाये हमारी आयु हे प्रभु ! लोक के उपकार में।
हाथ डालें हम कभी न भूलकर अपकार में।।
हे प्रभु….
मातृभूमि मातृसेवा हो अधिक प्यारी हमें।
देश की सेवा करें निज देश हितकारी बनें।।
हे प्रभु….
कीजिए हम पर कृपा ऐसी हे परमात्मा !
मोह मद मत्सर रहित होवे हमारी आत्मा।।
हे प्रभु….
प्रेम से हम गुरुजनों  की नित्य ही सेवा करें।
प्रेम से हम दुःखीजनों की नित्य ही सेवा करें।।
हे प्रभु