अमृतबिंदु – पूज्य बापूजी
जो वर्तमान में ही इच्छाओं-वासनाओं को छोड़ देते हैं, उनके हृदय में उसी समय परमात्म-प्रेम, परमात्म-रस छलकने लगता है ।
ऋषि प्रसाद नवंबर 2018
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें